Sunday, June 28, 2009

बजट में शिक्षा की बल्ले-बल्ले

संप्रग सरकार की दूसरी पारी में आगामी छह जुलाई को पेश होने वाले आम बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए चालू वित्त वर्ष में भारी वृद्धि का अनुमान है। सरकार के गत अंतरिम बजट में अनुमानित 34 हजार पांच सौ करोड़ के मुकाबले इस बार यह राशि पचास हजार करोड़ हो सकती है। यह वर्ष 2005-06 के मुकाबले पांच गुना अघिक होगी।मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा पिछले दिनों शिक्षा क्षेत्र में विस्तार और बड़े पैमाने पर नई योजनाओं की घोषणा से इसके संकेत मिल गए हैं। मंत्रालय के इस साल के लक्ष्य मे देश मे दो नई आईआईटी, चार नए प्रबंधन संस्थान और बारह नए केन्द्रीय विवि में अकादमिक सत्र प्रारंभ करने के साथ सौ नए मॉडल कालेज, दस नए एनआईटी, सरकारी व पीपीपी मॉडल के जरिए छह हजार मॉडल स्कूल, सौ महिला छात्रावास समेत कई अन्य नई योजनाएं शामिल हैं।सूत्रों के अनुसार उच्चत्तर शिक्षा के मद में मंत्रालय साढ़े आठ हजार करोड़ रूपए खर्च करेगा। इनमें दो नई आईआईटी व चार नए आईआईएम के अलावा एनआईटी, मॉडल कालेज और केन्द्रीय विवि के मद में बड़ी राशि खर्च होगी। सरकार इसके साथ कई कालेजों को विवि में अपग्रेड करने को लेकर भी अपनी प्रस्तावित योजना को अंजाम दे सकती है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े मुसलमानों को मौजूदा शिक्षा पद्धति से जोड़ने के साथ सरकारी स्कूलों व कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए मेधावी छात्रवृत्ति योजना की भी घोषणा की जाएगी। इसके तहत 18 से 25 आयु वर्ग के क्रिमीलेयर से मुक्त बारहवीं पास छात्र-छात्राओं को स्नातक अध्ययन के पहले तीन वर्षो के लिए दस हजार रूपए जबकि इसके बाद बीस हजार रूपए सालाना दिए जाएंगे। संप्रग सरकार देश में कुशल मानव संसाधनों की बढ़ती जरूरतों एवं पिछड़े वर्ग के बड़ी संख्या मे बेरोजगार बच्चों को रोजगार उपलब्ध कराने एवं उन्हें आत्मनिर्भर करने के उद्देश्य से योग्यतापरक पाठयक्रम को स्कूली शिक्षा से ही अमल में लाएगी। इसके तहत सरकार का 2012 तक तीस करोड़ और 2022 तक पचास करोड़ कुशल मानव संसाधन तैयार करने का लक्ष्य है। इस मद में भी सरकार बड़ी राशि आवंटित करने जा रही है।

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