विवादास्पद बाबरी ढांचे के विध्वंस मामले में लिब्रहान आयोग की जांच रिपोर्ट आने के बाद भारतीय जन शक्ति पार्टी (बीजेएस)की अध्यक्ष उमा भारती ने कहा है कि वह इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। उन्होंने अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक अच्छे सेनापति की तरह वह बाबरी ढांचा को ढहाने की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं और इसके लिए उन्हें फांसी भी हो जाए तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। अपने गठन के करीब 17 साल बाद लिब्रहान आयोग द्वारा मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पेश की गई जांच रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि इसे मुसलमानों को खुश करने के लिए लाया गया है, जबकि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के इशारे पर 20 हजार सिखों को जिंदा जलाने वाले अपराधी अब तक यूपीए सरकार को नहीं मिल पाए। लेकिन इसके जरिए वे हम लोगों को शरारतन अपराधी सिद्ध करना चाहते हैं। उमा ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को तत्कालीन नरसिंहराव सरकार द्वारा शिलान्यास स्थल पर कोई कारसेवा शुरू नहीं करने का आदेश जारी करने के बाद वहां मौजूद 5 लाख से अधिक लोगों के हुजूम को नियंत्रित करना किसी के वश में नहीं था। हालांकि हम सबने विवादित ढांचा नहीं तोड़ने की अपील की, इसके बावजूद जो हुआ अचानक हुआ। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में एक से 7 दिसंबर तक वह अयोध्या में ही थीं और 6 दिसंबर को सारा दिन घटनास्थल के पास बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं व दुनिया भर के मीडिया के साथ मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि वह विवादास्पद ढांचे के विध्वंस के लिए क्षमा नहीं मांगेंगी और उन्होंने बीजेपी नेताओं से भी अपील की कि वे इसके लिए क्षमा नहीं मांगे क्योंकि अयोध्या में उस दिन हमने ही लोगों को आमंत्रित किया था और हमारे आह्वान पर पहुंची भीड़ ने जो किया उसकी जिम्मेदारी हमें लेना चाहिए।
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