श्रीलंकाई तमिल मुद्दे पर एक बार फिर मंगलवार को सदन में हंगामा करने का प्रयास करने वाले प्रतिपक्षी दलों के विधायकों को सदन की कार्रवाई में बाधा डालने के कारण विधानसभा अध्यक्ष आर. आवुडैअप्पन ने सदन से बेदखल कर दिया। उन्हे बाहर निकाल दिए जाने के बाद अन्नाद्रमुक के सहयोगी दलों पीएमके और एमडीएमके के विधायकों ने विधानसभा से वाकआउट कर दिया। प्रशनकाल समाप्त होने के तत्काल बाद सभी अन्नाद्रमुक विधायक श्रीलंकाई तमिलों की सुरक्षा में सरकार को विफल बताते हुए नारेबाजी करते हुए खड़े हो गए। उन्होंने इस विफलता के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में श्रीलंका के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के साथ-साथ राज्य सरकार और मुख्यमंत्री करूणानिघि की बर्खास्तगी की मांग की।उनकी लगातार चल रही नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री करूणानिघि ने हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें सदन से निष्कासित करने की मांग करते हुए कहा कि विपक्षी दल के विधायक विधानसभा की कार्रवाई को बाघित कर रहे हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष आर. आवुडैअप्पन ने विधानसभा के वार्ड एवं वॉच कर्मचारियों को अन्नाद्रमुक के विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। कर्मचारियों ने सदन में प्रवेश कर अन्नाद्रमुक विधायकों को जबरदस्ती सदन से बाहर निकाल दिया। उनकी बर्खास्तगी और श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर विपक्षी दलों को बोलने का अवसर न देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की निंदा करते हुए पीएमके और एमडीएमके विधायकों ने भी सदन से वाकआउट कर दिया। इन सबके बीच विधानसभा अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक विधायक एस.वी.शेखर जो अपनी पार्टी के विधायकों के साथ नारेबाजी का हिस्सा नहीं बनें, को विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान बोलने की विशेष्ा अनुमति दे दी। शेखर ने इस दौरान कई मुद्दे उठाए।
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