नगर परिषद बोर्ड में प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले कांग्रेसी पार्षदों में राज्य व केन्द्र में अपनी सरकार बनने के बावजूद भी जोश भरता नजर नहीं आ रहा है। मंगलवार को इसका ताजा नमूना देखने को मिला।शहर में हुए अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर मंगलवार को प्रतिपक्ष नेता के.के. शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसी पार्षद आयुक्त रामजीलाल मीणा से मिलने पहुंचे। मगर इसे प्रतिपक्ष की आपसी खींचतान कहें या फिर जोश की कमी का परिणाम कि परिषद में कांग्रेस के ११ पार्षद है उसमें से भी आज केवल ३ पार्षद प्रतिपक्ष नेता के साथ परिषद आयुक्त के पास पहुंचने का समय निकाल पाए ।यहां उल्लेखनीय है कि पिछले करीब ८ वर्षों में ऐसा कोई मौका देखने को नहीं मिला जिसमें प्रतिपक्ष पार्षद एकजुट व जोश लिए नजर आए हो ।उस दौरान यह माना जा रहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार होने के कारण कांग्रेसी पार्षदों में जोश नजर नहीं आ पा रहा है मगर अब जब राज्य व केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है उसके बावजूद प्रतिपक्ष खेमा उसी हाल में है।इससे साफ होता है कि प्रतिपक्ष खेमे में कहीं न कहीं जोश के साथ-साथ आपसी सामंजस्य की भी कमी है। इसी कमी के चलते अब तक आयोजित प्रतिपक्ष की कई पत्रकार वार्ताओं में भी ऐसा मौका देखने को नहीं मिला जिसमें सभी ११ पार्षद एक साथ नजर आए होंआयुक्त ने दो टूक शब्दों में दिया जवाब :- अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर कार्यवाही की मांग को लेकर आयुक्त कक्ष में पहुंचे कांग्रेसी पार्षदों को आयुक्त रामजीलाल मीणा ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट दी वह रिपोर्ट ही आधी अधूरी है जिसके आधार पर कार्यवाही करना संभव नहीं है। रही बात पार्किंग स्थलों के दुरूपयोग की तो इस मामले में जरूर शीघ्र ही प्रभावी कार्यवाही आरंभ कर दी जाएगी।
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