भाजपा का मत है कि भारत ने अब तक राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर इन मसलों पर जो मजबूती दिखाई है उसे आगे भी जारी रखे अन्यथा कड़े विरोध का सामना करना होगा। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर के अनुसार, भाजपा डब्लूटीओ में सरकार के हर कदम पर नजर रखेगी।कृषि सब्सिडी में कटौती के लिए अमरीका की ओर से लगातार पड़ते दबाव का जिक्र करते जावडेकर ने कहा कि सरकार को किसी सूरत में घुटने नहीं टेकने चाहिए। यह मुद्दा तेरह करोड़ किसानों की रोजी-रोटी से जुड़ा हुआ है। खुद अपने किसानों को आठ बिलियन डालर तक की भारी सब्सिडी देने वाला अमरीका समान स्तर सुनिश्चित किए बगैर भारतीय बाजार में प्रवेश की खूली छूट चाहता है। आने वाले दिनों में उसकी योजना अपने किसानों की सब्सिडी में इजाफा कर 15 बिलियन डालर तक करने की है। सरकार को चाहिए कि वह दो-टूक कहे कि अमरीका की यह स्थिति अस्वीकार्य है और आगे भी मंजूर नहीं किया जा सकता। अगर सरकार उसके दबाव में झुक जाती है तो भारतीय कृषि क्षेत्र को स्थायी नुकसान होगा और ज्यादा बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे।अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार के वाणिज्य मंत्री अरूण जेटली रहे हों या फिर पिछली सरकार के कांग्रेसी वाणिज्य मंत्री कमलनाथ, दोनों ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रीय महत्व के इन मुद्दों के बारे में विश्व मंच पर कोई समझौता नहीं किया। तत्कालीन सरकारों के इस मजबूत रूख को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिला लेकिन, मौजूदा वाणिज्य मंत्री इसे बातचीत की प्रगति में व्यवधान के रूप में पेश कर रहे हैं जो उचित नहीं। भाजपा चेतावनी देती है कि सरकार सर्वानुमति की पहले वाली स्थिति से हटी तो संसद के अंदर और बाहर आक्रोश झेलना पड़ेगा।
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