राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने रैगिंग रोकने की दिशा में पहल करते हुए देश भर के राज्यपालों को पत्र लिखा है। नए शिक्षा सत्र के शुरू होने से ऎन पहले राष्ट्रपति ने पिछले दिनों कुछ कालेजों में हुई रैगिंग की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने राज्यपालों से अपील की है कि वे शिक्षा क्षेत्र के माथे पर लगे रैगिंग के कलंक को मिटाने में मदद करें। उन्होंने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपने प्रतिनिधियों को लिखे पत्र में शैक्षणिक संस्थाओं के नियामक तंत्र की समीक्षा करने के साथ यह पता लगाने को भी कहा है कि क्या रैगिंग रोकने के लिए कानूनन कोई विश्वसनीय ढांचा बनाया जा सकता है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरूवार को ही रैगिंग के खिलाफ कानून बनाने की सिफारिश की थी। इसके बाद शुक्रवार को राष्ट्रपति ने राज्यपालों को पत्र भेजा।पत्र में उन्होंने लिखा है कि रैगिंग की रोकथाम शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधन और शिक्षकों की पहली जिम्मेदारी है लेकिन माता-पिता और अभिभावकों को भी अपने बच्चों को उचित सलाह देनी चाहिए। उन्हें समझाना चाहिए कि वे अपने कनिष्ठ सहपाठियों के साथ अच्छा व्यवहार करें। उन्होंने राज्यपालों और उपराज्यपालों से यह भी कहा है कि रैगिंग पर अंकुश लगाने के लिए वे अपने अनुभव, जानकारी और सूचनाओं का इस्तेमाल करें। गैर सरकारी संगठनों से भी इस मुहिम में आगे आने की बात कहते हुए राष्ट्रपति ने लिखा है कि उनका सहयोग रैगिंग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और पीडितों के दु:ख को कम करने में मददगार होगा।
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