बाबरी ढांचा विध्वंस मामले की जांच के लिए गठित लिब्राहन आयोग ने सत्रह साल बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ सांसद मुरली मनोहर जोशी समेत भाजपा के कई धुरंधर और पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन भी आरोपी हैं, इसलिए पूरे संघ परिवार के लिए यह रिपोर्ट और इसके पेश करने का समय काफी महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद आंतरिक कलह से बिखरती भाजपा के लिए यह रिपोर्ट एक और मुसीबत बन सकती है। यही कारण है कि विपक्षी पार्टी ने कुछ बोलने से पहले रिपोर्ट देख लेने की बात कही। इसी के साथ केंद्र को घेरने की रणनीति के तहत फिर जय श्री राम का नारा बुलंद करते हुए मांग की कि देश के करोड़ों हिन्दुओं की इच्छा है कि अब आयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हो जाना चाहिए।भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और संघ नेता राम माधव ने अलग-अलग प्रतिक्रियाओं में समान बातें कहीं। दोनों का कहना था कि लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है। इसे देखने के बाद ही निष्कर्षो पर बात की जा सकेगी लेकिन जहां तक इस मामले में आरोपी बनाए गए आडवाणी, जोशी अथवा सुदर्शन की पेशी और आयोग को सहयोग देने का सवाल है तो इन लोगों ने अपनी ओर से कोई कमी नहीं रहने दी।अलबत्ता राजनाथ ने रिपोर्ट पेश करने में लगे सत्रह साल की अवधि को बहुत लंबा बताया तो राम माधव ने बहरी आयोग का हवाला देते हुए कहा कि 1993 में उसने बाबरी ढांचा विध्वंस में संघ परिवार की भूमिका नकार दी थी। माधव ने यह भी कहा कि बाबरी ढांचे का विध्वंस भीड़ ने किया था इसके लिए किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।बाद में, भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि लिब्राहन आयोग ने भाजपा के जिन नेताओं को भी बुलाया वे पेश हुए और उसे पूरा सहयोग दिया। आडवाणी तब उपप्रधानमंत्री थे लेकिन आयोग के सामने पेश हुए और पूरे सप्ताह भर उनकी गवाही हुई। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी हर बार बुलाने पर आयोग के समक्ष हाजिर हुए। इन लोगों ने विस्तार से अपना पक्ष रखते हुए आयोग को बताया कि उन्होंने इस बात की पूरी कोशिश की थी कि बाबरी ढांचा ढहाया न जा सके लेकिन भीड़ ने अनसुना कर दिया। सब कुछ रिपोर्ट में दर्ज है। भाजपा की मांग है कि सरकार इस पर कार्रवाई रिपोर्ट जल्द तैयार कर इसे संसद में पेश करे ताकि व्यापक बहस हो सके। उसकी यह अपेक्षा भी है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाए। रविशंकर ने लगे हाथ भाजपा पर दोहरेपन का आरोप मढ़ने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को खरी-खोटी भी सुनाई। कहा, रिपोर्ट संसद में रखने से पहले ही साजिश शुरू हो गई। इस बीच एक बड़े भाजपा नेता ने टिप्पणी की कि पार्टी पहले से मुसीबतों में घिरी हुई है। ऎसे में यह रिपोर्ट आ गई। खैर, अच्छा है कि सभी मुसीबतों से एक साथ पार हो जाएंगे।
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