एक केन्द्रीय मंत्री पर मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर.रघुपति के आरोप से सकते में आई केन्द्र सरकार ने मामले की जांच कराने की घोषणा की है। भाजपा ने घेरे में आए मंत्री को हटाने की मांग कर डाली है। न्यायाधीश रघुपति ने आरोप लगाया था कि उक्त मंत्री ने फर्जी मार्कशीट के मामले में आरोपी को जमानत देने के लिए फोन करके दबाव डाला था।केन्द्रीय विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि कि वे इस मामले की जांच कराएंगे। उसके बाद ही वे कोई बात कहेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि आमतौर पर न्यायालयीन प्रक्रिया या किसी न्यायाधीश की प्रतिक्रिया के बारे में दखल नहीं देती। इन मामलों को देखना न्यायपालिका का ही काम है।उधर भाजपा ने मंत्री का इस्तीफा मांगने में देर नहीं लगाई। पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आरोप बेहद गम्भीर हैं। प्रधानमंत्री को इन आरोपों की जांच करानी चाहिए और दोषी मंत्री को हटाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।यह आरोप लगायामद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर. रघुपति ने सोमवार को अदालत में कहा था कि फर्जी अंकपत्र से जुड़े एक मामले में एक केन्द्रीय मंत्री ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की। मंत्री ने सिफारिश की थी कि इस मामले में आरोपी बनाए गए मेडिकल छात्र और उसके डॉक्टर पिता को अग्रिम जमानत दे दी जाए। हालांकि, न्यायाधीश ने मंत्री का नाम उजागर नहीं किया था।यह है मामला मामला पुडुचेरी के अरूबादाई वीडु मेडिकल कॉलेज के छात्र एस.किरूबा श्रीधर और उसके डॉक्टर पिता सी.कृष्णमूर्ति से जुड़ा है। सीबीआई ने इन दोनों के खिलाफ दलाल और पॉण्डिचेरी विश्वविद्यालय के एक अधिकारी की मदद से असली उत्तर पुस्तिका बदलवा कर अंक बढ़वाने का मामला दर्ज किया है।
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