मायावती अपने अगले जन्मदिन पर आम लोगों से किसी भी तरह का चंदा नहीं लेंगी। सभी मिनिस्टर, एमपी, एलएलए-एमएलसी और पार्टी के पदाधिकारियों को सीएम मायावती ने चंदा उगाही के लिए साफ शब्दों में मना कर दिया है। बीएसपी सुप्रीमो ने इन सभी को हिदायत दी है कि यदि ऐसी कोई शिकायत मिली तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मायावती का जन्मदिन अगले वर्ष 15 जनवरी को है। इस बीच 19 जून से बीएसपी कांग्रेस विशेषकर सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ नैशनल लेवल पर मोर्चा खोलने जा रही है। इससे एक बार फिर दलित वोट बैंक की राजनीति नये सिरे से गरमा गई है। मिनिस्टरो, विधायकों और बीएसपी के कोआडिर्नेटरों के साथ एक बन्द कमरे में हुई बैठक में सीएम ने इन सभी को चन्दा उगाही से बचने के लिए कहा है। पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने रविवार को यह जानकारी दी। कहते है कि इसी वर्ष एक सरकारी सीनियर एंजीनियर मनोज गुप्ता की चंदा वसूली के दौरान हुई हत्या एवं विपक्षी हमलों से हो रही बदनामी से तौबा करने के लिए बीएसपी ने यह कदम उठाया है। इसी के तहत बीएसपी का देशव्यापी जागरुकता अभियान उस दिन से प्रारंभ किया जा रहा है,जिस दिन 19 जून को राहुल गांधी का जन्म दिवस पड़ रहा है। बीएसपी ने चन्दे से तौबा करके कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देने का निर्णय लिया है। दरअसल,19 जून को कांग्रेस के राष्टीय महासचिव राहुल का जन्मदिन यूपीसीसी ने राज्य के प्रत्येक गांव में करने और दलितों को कांग्रेस से जोड़ने का अभियान चलाने का फैसला करके बीएसपी को झटका देने की कोशिश की है। इन दोनों दलों के बीच शक्ति परीक्षण इस दिन यूपी में होना है। एक की केंद्र में सरकार है और दूसरे दल की यूपी में सरकार है। इसी शक्ति परीक्षण पर सभी अन्य गैर बीएसपी एवं गैर कांग्रेसी दलों की निगाहे हैं। मायावती किसी भी कीमत पर अपना मूल दलित वोट बैंक खोना नहीं चाहती। तो राहुल यूपी-बिहार में कांग्रेस के पुराने आधार दलित वोट बैंक को फिर से वापस लाने की मुहिम में लग चुके हैं। इसी दिन लखनऊ में एक साइकल रैली भी निकाली जानी है। उसी दिन मायावती की सभा का आयोजन किया गया है।
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