भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल का भोपाल दौरा प्रदेश भाजपा के धुरंधरों की जान सांसत में डाल गया। रामलाल ने लोकसभा चुनावों में प्रदेश में घटी पार्टी की साख और सीटों के लिए जिम्मेदार तय करने के संकेत दिए हैं और साथ ही इस ओर इशारा भी किया है कि हार के जिम्मेदार बच नहीं पाएंगे।पार्टी की दो दिवसीय प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भाग लेने के लिए रविवार को भोपाल पहुंचे रामलाल ने बैठक का उद्घाटन करने के बाद प्रदेश पदाधिकारियों से अलग-अलग भेंट की। उन्होंने हारे हुए दिग्गज नेताओं और पार्टी के पदाधिकारियों से "वन-टू-वन" बात भी की। हारे हुए नेताओं में पूर्व सांसद व प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्रमणि त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री नन्दकुमार सिंह चौहान व फग्गन सिंह कुलस्ते, मुकाम सिंह किराड़े, डॉ. लक्ष्मीनारायण पाण्डे शामिल हैं।रामलाल का कहना है कि वे आगामी दिनों में होने वाले संगठनात्मक चुनावों व सदस्यता अभियान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए आए थे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने एक-एक पदाधिकारी से हार के कारणों व टिकट वितरण समेत चुनाव प्रबंधन से जुड़े कई मसलों पर बात की। आएंगे मिश्र और मुण्डे संवाददाताओं ने बातचीत के दौरान रामलाल से जब पूछा तो उन्होंने कहा कि प्रदेश के नतीजों के बारे में जो कुछ प्रदेश नेतृत्व ने मन्थन किया है, उसके अलावा भी केन्द्र से दो राष्ट्रीय नेता कलराज मिश्र व गोपीनाथ मुण्डे जुलाई के पहले पखवाड़े में मप्र आएंगे, और नेताओं से चर्चा करेंगे। लोकसभा चुनाव में कुछ नेताओं को रिपीट नहीं करने की जानकारी प्रदेश नेतृत्व द्वारा दिल्ली को दिए जाने के सवाल पर रामलाल ने कहा कि चर्चा की बहुत सारी बातों में यह भी शामिल था।इसकी समीक्षा की जा रही है। भाजपा में धर्मनिरपेक्षता का चेहरा सामने लाने की बातें उठ रही हैं, इस सवाल पर वे बोेले कि भारत पहले से ही धर्मनिरपेक्ष है। जो दल अपने आपको धर्मनिरपेक्ष साबित करने में जुटे हैं, उन पर ही संदेह होता है। चुनाव के दौरान अन्य दलों के नेताओं का भाजपा में आना पार्टी हित में रहा या नहीं, इस पर रामलाल ने कहा कि नया प्रयोग है। देखते हैं आगे क्या किया जाएगा। किसने क्या कहा"सदस्यता अभियान समेत कई अन्य बिन्दुओं पर बात की है। हार पर पहले ही बात हो चुकी है। इसके अलावा कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।"- फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश महामंत्री व चुनाव हारे पूर्व सांसद"पूर्व सांसद छतरसिंह दरबार व जगदीश मुवैल के क्षेत्रों में पार्टी को हार मिली है। दरबार के लुनेरा सेक्टर में जहां 34 सौ वोट मिलते थे वहां 900 वोट का गडडा रहा। हार में निश्चित रूप से कमियां रहीं।"- मुकाम सिंह किराड़े, चुनाव हारे उम्मीदवार"पार्टी में जो कुछ चल रहा है वह ठीक नहीं है। मैं उसमें भागीदार नहीं। कुछ लोगों ने तो पार्टी .की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने तक का सुझाव दे डाला है लेकिन जब तक जिन्दा हूं, पार्टी की सेवा करता रहूंगा। जहां तक कुछ चर्चा का सवाल है तो दिल्ली और प्रदेश के फोरम पर जब तक वे अपनी बात नहीं रख देते, मीडिया में नहीं बोलेंगे।"- डॉ. लक्ष्मीनारायण पाण्डे, पूर्व सांसद व चुनाव हारे उम्मीदवार
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