भाजपा की राष्ट्रीय नेता व लोकसभा में पार्टी की उपनेता सुषमा स्वराज की मौजूदगी में बुधवार को मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के नेताओं की अहम् बैठक मुख्यमंत्री निवास पर हुई। इस बैठक में मध्यप्रदेश के नतीजों को लेकर अब तक तैयार की गई रिपोर्ट पेश हुई। विश्लेषण में कहा गया कि अति आत्मविश्वास के कारण परंपरागत सीटें हाथ से निकल गई। बैठक में सभी पदाधिकारियों से यह भी कहा गया कि वे अब मीडिया में ऎसी कोई बात नहीं बोलें जिससे पार्टी की छवि खराब हो। दिल्ली में काफी कुछ घट रहा है। मध्यप्रदेश से अभी तक ऎसी कोई घटना नहीं हुई। इसके अलावा लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व के प्रति सभी ने विश्वास व्यक्ति किया। प्रदेश इकाई ने नतीजों का विश्लेषण करके राष्ट्रीय कार्यसमिति से पहले सुषमा को साधने की कोशिश की ताकि दिल्ली में प्रदेश नेतृत्व पर ठीकरा न फूटे। बैठक में सुषमा के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा व कैलाश जोशी, प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर समेत अन्य प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहे। सांसद विक्रम वर्मा को भी बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। देर रात तक चली बैठक में मध्य भारत की हार समेत उन सीटों पर भी बातचीत हुई जहां पार्टी को विजय तो मिली लेकिन जनाधार घट गया। इसके अतिरिक्त मालवा की हार व जीतने वाले दिग्गज नेताओं के विरोधी तेवरों की भी चर्चा रही, जिससे प्रदेश नेतृत्व सकते में रहा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति में पेश होने वाली रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व के गले की गले की फांस बन गई है। इसीलिए एक बार मुख्यमंत्री निवास पर कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई। साथ ही दिल्ली को सफाई देने की राह भी तलाशी गई। पटवा भी सुषमा से मिलेबुधवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा ने भी सुषमा स्वराज से भेंट की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पटवा की नजदीकी किसी से छिपी नहीं है इसलिए समझा जा रहा है कि पटवा ने सुषमा के सामने मुख्यमंत्री का पक्ष साफ किया है। प्रदेश अध्यक्ष तोमर की भी बुधवार को कैलाश सारंग से बातचीत हुई।हार के कारण गिनाएबैठक में सभी पदाधिकारियों को बोलने का मौका दिया गया। इसमें बताया गया कि बहुजन समाज पार्टी के वोट कांग्र्रेस की तरफ जाने, गोंडवाणा पार्टी के निष्क्रिय होने, पुराने चेहरों को नहीं बदलने और फीडबैक देने में लापरवाही के कारण कुछ सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की हार हुई है।
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