लालगढ़ के मुद्दे पर केन्द्रीय रेलमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी केन्द्र सरकार को अपने ट्रेक में रखकर चलना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने गुरूवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इशारा दे दिया कि लालगढ़ मामले पर सीपीएम का साथ देने की कोशिश न करें पीएम। लालगढ़ के मुद्दे पर बंगाल सरकार को और दबाव में लाने की कोशिश में ममता बनर्जी जुटी हुई हैं। कोलकाता से लेकर दिल्ली तक जिस तरह की राजनीतिक कवायद चल रही है उससे साफ संकेत मिलते है कि ममता इस मामले को इतने हल्के में नहीं निपटने देगी। सूत्रों के अनुसार ममता लालगढ़ मामलें को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उठाने वाली थी, लेकिन प्रधानमंत्री की पहल पर वहां यह मुद्दा नहीं उठ पाया। सूत्रों ने बताया कि सात रेसकोर्स पर गुरूवार शाम को जब प्रधानमंत्री के साथ रेल बजट पर चर्चा के लिए पहुंची तो वहां उन्होंने लालगढ़ का मामला छेड़ दिया। माओवादियों पर पाबंदी लगाने को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच चल रही रस्साकसी से खुद को दूर रखते हुए ममता ने केन्द्र को मशविरा दिया कि वह माकपा सरकार पर नरम रूख नहीं रखे क्योंकि लालगढ़ में जिस तरह के हालात बने हैं उसके लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है। ममता ने प्रधानमंत्री को लालगढ़ की स्थिति रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया कि वहां 40 हजार लोग शिविरों में पड़े हुए हैं उसके लिए किसी तरह की व्यवस्था भी राज्य सरकार नहीं कर रही है। लालगढ़ में आज भी दहशत है, लोग सहमे हुए हैं ऎसे में वहां शांति वापस लाने के ठोस प्रयास होने चाहिए।
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