राज्य मंत्रालय में शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ हुई जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों की बैठक के बाद अजीब स्थिति बन गई। सहकारिता मंत्री डॉ. गौरीशंकर बिसेन, सतना जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंडित कमलाकर चतुर्वेदी के बीच तीखी झड़प हुई। मौके पर मौजूद अन्य अध्यक्ष यदि हस्तक्षेप नहीं करते तो तीखी बहस के साथ शुरू हुआ विवाद हाथापाई तक जा पहंुचता।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार की शाम को प्रदेश भर के जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों को उचित मूल्य की दुकानों को उपभोक्ता हित में बहुउद्देशीय बनाने के लिए चर्चा करने बुलाया था। मुख्यमंत्री की मौजूदगी तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री सभा कक्ष से बाहर निकले तो वैसे ही सहकारिता मंत्री डॉ. बिसेन और सतना जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंडित चतुर्वेदी आमने-सामने आ गए।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विवाद की शुरूआत पैसे के लेन-देन से हुई। इस विवाद में चोर, बेईमान, लफंगे और पोंगा पंडित जैसे शब्दों का प्रयोग भी हुआ। अपशब्द भी कहे गए। मौके पर मौजूद दर्जनभर से अधिक बैंक अध्यक्षों ने बीच बचाव का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद विवाद शांत हुआ। हां, मंत्री जी ने जाति सूचक अपशब्दों के साथ मुझे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है। मैं इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और पार्टी फोरम पर करूंगा। - पंडित कमलाकर चतुर्वेदी, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक, सतना ये इन दोनों के बीच का व्यक्तिगत विवाद है, जो मीटिंग से बाहर निकलने के बाद हुआ। मैंने तो बीच-बचाव कर मामला सुलझाया है।- भंवर सिंह शेखावत, अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ (प्रदेश भाजपा)
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