राजस्थान के बाडमेर क्षेत्र में रिफाइनरी और प्रदेश में बडे उद्योगोंं की स्थापना जैसी बडी विकास परियोजनाओं के इस बार राज्य में आने के आसार बढ गए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते सप्ताह इसके लिए दिल्ली दौरे के दौरान संबंधित मंत्रियों पर खासा दबाव बनाया। दोनों जगह कांग्रेस की सरकार होने के चलते राज्य को इस बार इसका लाभ मिल सकता है। गहलोत ने दिल्ली प्रवास के दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और केन्द्रीय मंत्रियों से भेंट कर इस दिशा में कोशिशें तेज कर दी। उन्होंने पहले बजट पूर्व चर्चा के लिए केन्द्रीय वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा बुलाई गई राज्यों के वित्तमंत्रियों की बैठक और बाद में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवडा से भेंट कर राजस्थान के बाडमेर में ऑयल रिफाईनरी की स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने पुरजोर शब्दों में आग्रह किया कि केन्द्र सरकार आगामी बजट में प्रदेश में तेल शोधक कारखाना लगाने की क्रियान्विति प्रारंभ करवाएं।देवडा ने गहलोत से कहा कि वे तत्काल तो कोई घोषणा नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने बताया कि राजस्थान में रिफाइनरी की स्थापना संबंधी संभावनाओं का परीक्षण करवाया जा रहा है। ओएनजीसी की टीम बाडमेर का दौर कर चुकी है और हिंदुस्तान पेट्रोलियम एवं ओएनजीसी के उ“ा अधिकारियों की राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ जयपुर में भी वार्ता हुई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी समय से रिफाइनरी की स्थापना के लिए प्रयास कर रहे हैं। गहलोत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय भारी उत्पाद और लोक उद्यम मंत्री विलासराव देशमुख से भी भेंट की और उनसे राजस्थान में बडे उद्योगों की स्थापना के लिए भी जोर दिया। गहलोत के प्रयासों से लगता है कि वह प्रदेश में ऎसे बडे उद्योगों की स्थापना कराना चाहते हैं जिससे प्रदेश विकास के साथ ही ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें।
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