गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। गुजकोका लौटाने के फैसले से खफा मोदी ने संशोधन मानने से सीधे इनकार कर दिया है। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा, विधेयक मकोका जैसा है। केन्द्र ने उसे वापस करने के लिए बदलाव का बहाना लिया है। शनिवार को दिल्ली में कदम रखते ही मोदी ने पहला प्रहार केंद्र पर किया। गुजरात संगठित अपराध नियंत्रण कानून (गुजकोका) को पांच साल दबाकर रखने के बाद उसमें संशोधन का सुझाव दिए जाने पर आश्चर्य प्रकट करते हुए बोले कि केन्द्र को तीन आपत्ति ढूंढने में इतने साल लग गए। मोदी ने गुजकोका विधेयक को सही ठहराया और कहा कि वह महाराष्ट्र के मकोका की तरह ही है, लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं होने के कारण उसे कानून का रूप देने में अडचन पैदा की जा रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार के सुझाए गए संशोधन को यह कहते हुए मानने से इनकार कर दिया कि उसमें बदलाव कर दिए जाने से वह दंतविहीन और नखविहीन हो जाएगा। मोदी ने कहा कि आवश्यकता पडने पर गुजरात सरकार गुजकोका विधेयक को राज्य विधानसभा में फिर पेश करेगी। गुजकोका विधेयक को राज्य विधानसभा ने संगठित अपराध से निपटने के बारे में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के आधार पर तैयार किया था। मालूम हो कि शुक्रवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 2004 से लंबित गुजकोका विधेयक में खामी बताते हुए उसे वापस लौटाने की सिफारिश करने का फैसला लिया है।
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