केन्द्र सरकार में विधि एवं न्याय मंत्री रह चुके वरिष्ठ कानून विशेषज्ञ हंसराज भारद्वाज ने सोमवार को यहां राज्य के सोलहवें राज्यपाल के तौर पर राजभवन में पदभार ग्रहण कियाराजभवन के ग्लास हाउस में आयोजित एक सादे समारोह में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी.डी. दिनकरन ने भारद्वाज को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। विधानसभा अध्यक्ष जगदीश शेट्टर, समारोह में मुख्यमंत्री बी.एस. येडि्डयूरप्पा, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी, कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विधान परिषद के सभापति वीरण्णा मत्तिकट्टी के अलावा राज्य सरकार व राजभवन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। केन्द्र में यूपीए सरकार के पुन: सत्ता में आने पर कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों के राज्यपाल बदले गए हैं। पिछले 21 माह से कर्नाटक के राज्यपाल रहे रामेश्वर ठाकुर को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। ठाकुर ने रविवार को ही पदभार छोड़ा था उनके चले जाने के बाद खाली हुए पद पर भारद्वाज को शपथ दिलाई गई।इससे पहले मुख्यमंत्री बी.एस. येडि्डयूरप्पा, विधानसभाध्यक्ष जगदीश शेट्टर सहित कई मंत्रियों ने बियाल हवाईअड्डे पर जाकर उनकी अगवानी की। नेहरू-गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले भारद्वाज सर्वो“ा न्यायालय के वकील रह चुके हैं। वे विधि, न्याय व संसदीय कार्य राज्यमंत्री, योजना मंत्री एवं पिछली मनमोहन सिंह सरकार में विधि व न्याय मंत्री रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी व बोफोर्स घोटाले के प्रमुख आरोपी ओटावियो क्वात्रोची के दो बैंक खातों पर लगी रोक हटाने, नवीन चावला के खिलाफ पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी द्वारा की गई शिकायत को लेकर विवादास्पद बयानबाजी करने के कारण वे लगातार सुर्खियों में रहे। कांग्रेस आलाकमान ने पिछले लोसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं दिया ना ही मंत्रिमंडल में ही उनको शामिल किया गया। लेकिन निष्ठावान कांग्रेसियों की उपेक्षा नहीं करने की बात ध्यान में रखकर उनको कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया।बहरहाल, कानून के विशेषज्ञ व तेजतर्रार नेता कहलाने वाले हंसराज भारद्वाज की कर्नाटक के राज्यपाल पद पर नियुक्त को प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में येडि्डयूरप्पा सरकार की नकेल कसने की यूपीए सरकार की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
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