Wednesday, June 10, 2009

एक और सपा विधायक ने थामा बसपा का हाथ

लोकसभा चुनाव में भले ही सत्तारूढ बहुजन समाज पार्टी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन विपक्षी विधायकों के तोडने का सिलसिला जारी है। अब समाजवादी पार्टी के एक और विधायक चन्द्रभद्र सिंह उर्फ सोनू ने बसपा का दामन थाम लिया है। सोनू सुल्तानपुर जनपद की इसौली विधानसभा सीट से चुने गये थे। चन्द्रभद्र सिंह ने बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी में बसपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे बसपा की नीतियों से प्रभावित होकर आए हैं। चन्द्रभद्र सिंह की पृष्ठभूमि आपराघिक रही है। वे वष्ाü 2006 में हुए सन्त ज्ञानेश्वर हत्याकाण्ड में अभियुक्त हैं। सिंह से पहले भी सपा के कई विधायक बसपा में शामिल हुए हैं इनमें व्यापारी नेता और पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल, गौरीशंकर तथा सांसद बनवारीलाल कंछल, जयप्रकाश बुधौलिया आदि शामिल हैं।




महाराष्ट्र में यूपी "भैया" नम्बर वन
दो जून की रोटी के लिए महाराष्ट्र आकर बसने वालों में उत्तर प्रदेश का पहला और आंध्र प्रदेश का आठवां नम्बर है। विधानमंडल के मानसून सत्र में गुरूवार को पेश किए गए महाराष्ट्र के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार पिछले पांच वर्ष के दौरान राज्य में बाहर से 12 लाख लोग आकर बसे हैं। इनमें से लगभग सवा चार लाख लोग अकेले उत्तर प्रदेश के हैं। इस मामले में कर्नाटक दूसरे, गुजरात तीसरे, राजस्थान चौथे, बिहार पांचवें, पश्चिम बंगाल छठे, केरल सातवें और आंध्र प्रदेश आठवें पायदान पर है। कहां से कितनेपिछले पांच वर्ष में कर्नाटक से 1.35 लाख, गुजरात से 1.19 लाख, राजस्थान से 0.82 लाख, बिहार से 0.51 लाख, पश्चिम बंगाल से 0.49 लाख, केरल से 0.41 लाख और आंध्र प्रदेश से 0.32 लाख लोग महाराष्ट्र में आकर बसे। रोजगार वास्ते 5. 64 लाखसर्वेक्षण में रोजगार, बेरोजगारी और आव्रजन आदि के सम्बन्ध में वर्ष 2007-08 के राष्ट्रीय सैम्पल सर्वेक्षण के हवाले से कहा गया है कि महाराष्ट्र आए लगभग सभी लोग नगरीय क्षेत्रों में बसे हैं। इनसे वहां की बुनियादी सुविधाओं पर दबाव बढा है। महाराष्ट्र आकर बसने वालों में से 5.64 लाख लोग रोजगार, 3.84 लाख अपने माता-पिता या अन्य परिजन पर आश्रित होने, 2.02 लाख लोग विवाह के बाद और 0.51 लाख शैक्षणिक उद्देश्य से आए।किसका कितना प्रतिशतवर्ष 1991 से 2001 तक अन्य राज्यों और देशों से कुल 32.80 लाख लोग महाराष्ट्र आकर बसे। इनमें से 0.48 लाख दूसरे देशों के हैं। इस दौरान राज्य के 8.97 लाख लोग बाहर जाकर बस गए। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है, वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार महाराष्ट्र की आबादी 9.69 करोड थी। इसमें मराठी भाषियों का हिस्सा 76.5 प्रतिशत, हिन्दी भाषियों का 11 प्रतिशत, उर्दू भाषियों का 7.1 प्रतिशत, गुजराती भाषियों का 2.4 प्रतिशत और अन्य भाषा के लोगों का हिस्सा 10.7 प्रतिशत है।

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