Tuesday, June 9, 2009

वाममोर्चा अडा

आइला से हुई जान-माल की व्यापक क्षति को देखते हुए वाममोर्चा ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। मोर्चे की मंगलवार को यहां हुई राज्य कमेटी की बैठक के बाद चेयरमैन विमान बोस ने यह जानकारी दी। बैठक में राहत संहिता में बदलाव लाने के प्रस्ताव पर भी सभी घटक दलों ने सहमति जताई। बोस ने बताया कि वर्तमान में आपदा के बाद कच्चे मकान टूटने पर छह हजार रूपए व पक्के मकान टूटने पर 25 हजार रूपए की सहायता दी जाती है। इसेबढाने की जरूरत है। बैठक में चुने गए जनप्रतिनिधियों की क्षेत्र विकास निधि के आपदा राहत में इस्तेमाल किए जाने की छूट देने के प्रस्ताव का भी घटक दलों ने एक सुर से समर्थन किया। मौजूदा नियमाें के मुताबिक लोकसभा व विधानसभा केसदस्य अपने इलाकों में ही इस निधि का इस्तेमाल कर सकते हैं। वाममोर्चा के चेयरमैन ने बताया कि मोर्चे के सभी विधायकों ने अपनी ओर से निजी तौर पर एक एक हजार रूपए की सहायता राशि दी है। अब तक वाममोर्चा की ओर से इकटी की गई सहायता राशि बुधवार को मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। ये दिए सुझाव बैठक में राज्य सरकार को आपदा पीडितों के आर्थिक पुनर्वास पर जोर देने, सुंदरवन के तटबंधों का कंक्रीटीकरण करने के सुझाव राज्य सरकार को दिए गए हैं। शांति बहाली के प्रयास करें विपक्षी राहत वितरण में तृणमूल पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए चेयरमैन ने कहा कि वह सेवा में सहयोग करें। वहीं राज्य के महाविद्यालयों समेत विभिन्न इलाकों में जारी हिंसा भी उन्होंने तृणमूल के माथे थोप दी। बोस ने कहा कि कॉलेजों में बाहरी लोगों के सहारे हिंसा की जा रही है। विपक्षी पार्टियां राज्य में शांति बहाली के प्रयास करें।

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