Thursday, June 4, 2009

सरकार कांग्रेसी, वादे भाजपा के-सुषमा

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देती भाजपा ने कहा कि दरअसल यह उसका चुनाव घोषणा पत्र है जिसे संप्रग सरकार ने अपना लिया। चाहे गरीबों को सस्ता अनाज देने का वादा हो या युवाओं को रोजगार या फिर गांव-पंचायतों को ब्राड बैंड से जोडने की योजना, सब भाजपा के घोषणापत्र से लिए गए वादे हैं।स्पष्ट है कि ऎसे में अभिभाषण पर संसद में चर्चा के दौरान सरकार पर हमला कठिन होता लिहाजा भाजपा ने श्रीलंका में तमिलों के पुनर्वास और आस्टे्रलिया में भारतीय छात्रों पर हो रहे नस्लीय हमले के मुद्दे पर घेराव का मन बनाया है। अभिभाषण पर दोनों सदनों में बहस के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 9 जून को जवाब देंगे।पन्द्रहवीं लोकसभा के गठन के बाद पहली बार भाजपा ने आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया दी। लोकसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्यसभा में उपनेता एस.एस. अहलुवालिया, दोनों सदनों के मुख्य सचेतक रमेश बैस और माया सिंह के साथ मीडिया ब्रीफिंग के लिए पहुंचीं। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण को वादों का पुलिंदा करार देेते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी होने के नाते भाजपा सरकार के कामकाज पर कडी नजर रखेगी।सौ दिन अथवा पांच साल के लिए तमाम घोषणाएं की गई हैं, यह देखना होगा कि तय समय-सीमा के भीतर उन पर अमल किया जाता है या नहीं। सरकार ने पिछले 14 साल से ठंडे बस्ते में पडे महिला आरक्षण विधेयक को भी निश्चित अवधि में पेश करने का ऎलान किया है जो कि अच्छा संकेत है किन्तु इस पर आम सहमति बनाना इतना आसान न होगा। यह साधारण विधेयक नहीं बल्कि संविधान संशोधन बिल है जो मत विभाजन से पारित होता है जिसके लिए सदन में शांति जरूरी है। फिर भी सरकार की घोषणा ने नई उम्मीद अवश्य जगाई है। सरकार पर भाजपा के घोषणापत्र की नकल का आरोप मढती सुषमा ने कहा कि इसमें वही वादे हैं जिन्हें लेकर उनकी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी थी। मुंडा के नाम पर राजग की मुहरलोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी के कक्ष में गुरूवार को राजग नेताओं की बैठक हुई जिसमें उपाध्यक्ष पद पर आदिवासी भाजपा सांसद करिया मुंडा के नाम पर मुहर लगाई गई। सुषमा के अनुसार, उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र शुक्रवार को भरा जाएगा जबकि चुनाव सोमवार 8 जून को होगा। राजग की बैठक में टीआरएस को छोड सभी घटक दल के नेता मौजूद थे।आडवाणी-जेटली शुरू करेंगे बहससुषमा और राज्यसभा में उपनेता प्रतिपक्ष एस.एस. अहलुवालिया ने बताया कि अभिभाषण पर चर्चा के लिए लोकसभा में 13 जबकि राज्यसभा में 14 घंटे तय किए गए हैं। निचले सदन में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी और ऊपरी सदन में अरूण जेटली विपक्ष की ओर से शुरूआत करेंगे। 9 जून को लोकसभा में प्रधानमंत्री सुबह और राज्यसभा में शाम को जवाब देंगे।स्पीकर मन से कांग्रेस छोड देंलोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के कांग्रेस से इस्तीफा देने के सवाल पर सुषमा ने कहा कि ऎसी परम्परा तो जरूर है लेकिन कुछ लोग ऎसा नहीं भी करते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर शिवसेना के मनोहर जोशी ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया था। उनकी सलाह है कि भले मीरा कुमार कागज पर इस्तीफा न दें लेकिन मन से कांग्रेस से मोह त्याग दें तभी निष्पक्ष रहकर सदन का संचालन कर सकेंगी।

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