Thursday, June 4, 2009

महाराष्ट्र के साथ हरियाणा, झारखंड के चुनाव

कांग्रेस ने महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड और हरियाणा के विधानसभा चुनाव कराने का मन बना लिया है। महाराष्ट्र में अक्टूबर में चुनाव होने हैं। झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है जबकि हरियाणा में अगले साल फरवरी में चुनाव होना है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता को देखते हुए इन तीनों राज्यों के चुनाव एक साथ कर माहौल का लाभ उठाना चाहती है। सूत्रों की माने तो हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुaा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल चुनाव साथ कराने के लिए रजामंदी दे दी है।मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों की मानें तो चुनाव कभी भी हों तैयारी पूरी है। चुनाव दो माह पहले हों या बाद में इससे कोई असर नहीं पडने वाला है। दरअसल हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 9 सीटें जीतकर पहली बार भारी उलटफेर किया है। अभी तक हरियाणा में इसके विपरीत परिणाम आते रहे हैं।नकारात्मक मतों के चलते सत्ताधारी दल को नुकसान होता था, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री हुaा ने सभी आकलनों व भ्रांतियों को गलत साबित कर दिया। भारी सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री को भी दिया जा रहा है। कांग्रेस इस माहौल का लाभ विधानसभा चुनाव में भी उठाना चाहती है, इसलिए पार्टी ने हरियाणा के चुनाव तीन माह पूर्व कराने का मानस ही नहीं प्रदेश के नेताओं को तैयारी के लिए कह दिया है। जहां तक झारखंड का सवाल है तो कांग्रेस अब वहां पर सरकार बनवाने के कतई मूड में नहीं है। पार्टी ने चुनाव की तैयारी एक प्रकार से शुरू कर दी है। कांग्रेस के अनुसार झारखंड में चुनाव ही एकमात्र विकल्प है। भाजपा पहले से ही चुनाव की मांग कर रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को भले ही झारखंड में ज्यादा सफलता नहीं मिली हो, लेकिन बदले हुए हालात में सफलता मिल सकती है। राष्ट्रपति की गुरूवार को की गई घोषणाएं भी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। महाराष्ट्र में इसी साल सबसे पहले अक्टूबर में चुनाव होने हैं। इन तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम संप्रग सरकार के 100 दिन के कामकाज का आकलन भी कर देंगे।

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