Sunday, June 7, 2009

"हिंदुत्व" छोडा तो विभाजन

लोकसभा चुनावों तक सबकुछ अच्छा लगने वाली चीजें अब भाजपा के लिए कुछ अलग संकेत दे रही हैं। पार्टी के लिए जी-जान लगाने वाले वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों-विधायको के साथ कुछ पुराने साथी भी पार्टी के ग्रहगोचर को शुभ नहीं बता रहे हैं।ऎसे ही पुराने साथियों में से एक श्रीराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद मुत्तालिक ने बातचीत में कहा जल्द ही उन्हें भाजपा में विभाजन के आसार दिख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में दो गुट हो चुके हैं। पार्टी के कुछ लोग हिंदुत्व की विचारधारा को त्यागकर आगे बढना चाहते हैं और यह उनके लिए भले ही तात्कालिक तौर पर लाभदायक हो, लेकिन पार्टी के लिए बेहद नुकसान दायक होगा।केंद्र में भाजपा की बनती संभावना बिगडने के पीछे भी भाजपा का हिंदुत्व की विचारधारा से विमुख होना ही है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येडिडयूरप्पा जैसे लोगों ने बडी मेहनत से पार्टी को इस मुकाम पर लाया है कि आज पार्टी संसद में प्रमुख विपक्षी दल है। देश के 7 राज्यों में या तो अपने बूते सरकार में है या सरकार में शामिल है। लेकिन पार्टी में कुछ स्वार्थी लोग ऎसे हैं जो पार्टी के समर्पित व निष्ठावान कार्यकर्ताओं की सालों की मेहनत पर पानी फेर देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को हिंदुत्व के प्राथमिक मुद्दे को नहीं छोडना चाहिए। हिंदुत्व के मुद्दे से भटकने के कारण ही देश की जनता, जो राष्ट्रवाद का अपमान व तुष्टिकरण जैसी रणनीति का सहारा लेकर कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों के अपमान भरे कार्यो व बर्तावों से निजात दिलाने वाली पार्टी के रूप मेें भाजपा से उम्मीद लगा बैठी थी, का भाजपा से मोहभंग हुआ है। यही नहीं भाजपा से जुडे वे कैडर भी दूर होने लगे, जो राष्ट्रवाद व हिंदुत्व के मुद्दे पर बडे पैमाने पर भाजपा में शरीक हुए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी से मेरा पुराना रिश्ता है, लेकिन पार्टी में इस तरह की बुराईयों को देखकर दुख होेता है। पार्टी जिस तेजी से आगे बढती थी, उसी तरह पीछे जा रही है।

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