Tuesday, June 9, 2009

''आतंक को कुचलने पर ही पाक से वार्ता''

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता तभी बहाल हो सकती है, जब पड़ोसी देश अपनी धरती से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलग्न तत्वों के विरूद्ध कड़ी और सतत कार्रवाई करे तथा मुंबई घटना के षड्यंत्रकारियों को न्याय के अधीन लाए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा के जवाब में कहा कि हम पाकिस्तान के साथ शांति की बात फिर करने का प्रयास करना चाहते हैं, लेकिन ताली दोनों हाथों से बजती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत प्रभावशाली और सतत कार्रवाइयों के जरिए पाकिस्तान ऐसा माहौल तैयार करेगा जिससे दोनों देश आपस में बातचीत कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत, दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता दिखाता है तो मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि हम उनसे अधिक आगे बढ़कर काम करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान की सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह भारत के खिलाफ आतंकवाद को रोकने के लिए प्रभावी और मजबूत कदम उठाएगी और मुंबई हमलों के गुनहगारों तथा अन्य आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ अपने अधिकार क्षेत्र के सभी उपायों का इस्तेमाल करेगी। मुंबई हमलों का जिक्र करते हुए सिंह ने आशा व्यक्त की कि पाकिस्तान उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा जिन्होंने पूर्व में इस तरह के अपराध किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करना दोनों देशों के हित में होगा। प्रधानमंत्री ने पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हम बहुत ही अशांत क्षेत्र में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में अशांति और अस्थिरता का सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा और इस क्षेत्र में शांति तथा समृद्धि के बिना भारत विकास नहीं कर सकता।


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