Monday, June 8, 2009

नौकरशाहों के तबादले पर मायावती सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही संपन्न लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ बसपा के खराब प्रदर्शन के बाद बडे पैमाने पर भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के तबादलों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केन्द्र और राज्य सरकार को सोमवार को नोटिस जारी किए। न्यायाधीश बी. सुदर्शन और न्यायाधीश आफताब आलम की अवकाशकालीन पीठ ने पूर्व आईएएस अधिकारी सत्य नारायण शुक्ला की दलीलें सुनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव को नोटिस जारी किए। शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश में बडे पैमाने पर अधिकारियों के तबादले खासकर प्रधान सचिव दिनेश सिंह की पदावनति पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है तथा अखिल भारतीय सेवा अधिनियमों का उल्लंघन है। उनका यह भी कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ नौकरशाहों के कम से कम दो साल के कार्यकाल के सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त 2002 तथा 22 अप्रेल 2005 के फैसलों का भी उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि तबादला नीति सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत व्यवस्था के अनुरूप होनी चाहिए। शुक्ला ने उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह के साथ मिलकर राज्य सरकार के फैसले के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अजय कुमार मिश्रा के निलम्बन को अवैध बताया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार मायावती और राज्य सरकार को अपने मर्जी से इस तरह बडे पैमाने पर तबादला करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि मायावती ने चुनाव के बाद करीब 100 वरिष्ठ आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया।

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