Wednesday, June 3, 2009

राज्यसभा को हानि, लोकसभा को लाभ

राज्यसभा के कई सदस्यों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद संसद के निचले सदन को जहां उनके अनुभव का लाभ मिलेगा वहीं उच्च सदन को इस मामले में नुकसान उठाना पडेगा। सबसे ज्यादा भाजपा के राज्यसभा सदस्य 15वीं लोकसभा में निर्वाचित होकर आए हैं जिनमें पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, नरेन्द्र सिंह तोमर, दिलीप सिंह जूदेव शामिल हैं। इनमें कई नेताओं की छवि प्रखर वक्ता की है और मीडिया सहित कई लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनका ओजपूर्ण भाषण निचले सदन में सुनने को मिलेगा। कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिन्दे, वी नारायणसामी और पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल इससे पहले राज्यसभा के सदस्य थे। लेकिन अब वे न सिर्फ लोकसभा में आ गए हैं बल्कि शिन्दे और नारायणसामी केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल किए जा चुके हैं। इनके अलावा जद यू अध्यक्ष शरद यादव और पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरने वाले दिग्विजय सिंह भी पूर्व में उच्च सदन के सदस्य थे। राकांपा की सुप्रिया सुले और प्रफुल पटेल भी अब राज्यसभा में नहीं दिखेंगे। बारामती से निर्वाचित सुप्रिया और भंडारा से जीते प्रफुल पटेल ने आज निचले सदन की सदस्यता की शपथ ले ली।

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