अब लेफ्ट ममता बनर्जी के निशाने पर आ गया है। बुधवार को सदन में ममता ने वामपंथियों को मीरा कुमार के प्रस्ताव पर समर्थन नहीं करने की आलोचना कर उन्हें कठघरे में खडा कर दिया। लोकसभा में स्पीकर को बधाई देने के दौरान ममता चुटकी लेते हुए बोली कि कुछ पार्टियों को छोडकर बाकी सभी ने मीरा के प्रस्ताव पर सहमति जताई है, लेकिन यह अच्छी बात है कि जिन पार्टियों ने उनके नामांकन पर समर्थन नहीं दिया था उन्होंने भी सदन में उनका समर्थन किया है। मालूम हो कि मीरा के नाम पर वामदलों ने समर्थन नहीं देने के पीछे यह तर्क दिया था कि सरकार ने लेफ्ट से उचित ढंग से सम्पर्क नहीं किया था। सदन में मीरा के बहाने ममता का लेफ्ट को आडे हाथों लेने का सिलसिला अभी और तेजी पकडेगा, क्योंकि पिछले पांच साल में वामपंथी इतने हावी थे कि लोकसभा के भीतर ममता ने जब भी कोई बात उठाने की कोशिश की उन्हें दबा दिया जाता। अब मामला बिलकुल उलट है। इस बार सदन में ममता का पलडा भारी है ऎसे में लेफ्ट की मुसीबत बढना स्वाभाविक है।
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